ज़िहाल-ए-मिस्कीं, मकुन-ब-रन्जिश Zihale -E-Miskin Makun-B-Ranjish Song in Hindi Lyric-Ghulami
Zihale -E-Miskin Makun-B-Ranjish Hindi Lyric
हो.ओं.........
ज़िहाल-ए-मिस्कीं, मकुन-ब-रन्जिश,
बहाल-ए- हिजरा बेचारा दिल है…
सुनाई देती है जिसकी धड़कन
तुम्हारा दिल या हमारा दिल है
वो आके पहलू में ऐसे बैठे
के शाम रंगीन हो गई है
ज़रा ज़रा सी खिली तबीयत
ज़रा सी ग़मगीन हो गई है
ज़िहाल-ए-मिस्कीं, मकुन-ब-रन्जिश,
बहाल-ए-हिजरा बेचारा दिल है
सुनाई देती है जिसकी धड़कन
तुम्हारा दिल या हमारा दिल है
कभी कभी शाम ऐसे ढलती है
के जैसे घूँघट उतर रहा है
तुम्हारे सीने से उठ था धुआँ
हमारे दिल से गुज़र रहा है
ज़िहाल-ए-मिस्कीं, मकुन-ब-रन्जिश,
बहाल-ए-हिजरा बेचारा दिल है
सुनाई देती है जिसकी धड़कन
तुम्हारा दिल या हमारा दिल है
ये शर्म है या हया है क्या है
नजर उठाते ही झुक गयी है
तुम्हारी पलकों से गिरके शबनम
हमारी आँखों में रुक गयी है
ज़िहाल-ए-मिस्कीं, मकुन-ब-रन्जिश,
बहाल-ए-हिजरा बेचारा दिल है
सुनाई देती है जिसकी धड़कन
तुम्हारा दिल या हमारा दिल है
हो.ओं.........
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